पुरस्कार विवरण एवं नियम/शर्तें


दीर्घकालीन साहित्यिक सेवा एवं गद्य/पद्य में प्रकाशित पुस्तकाकार मौलिक कृति को पुरस्कार हेतु प्रविष्टि भेजने के सम्बन्ध में शर्तें, उल्लेखनीय बिन्दु:-
1. प्रविष्टियाँ ‘राज्य कर्मचारी साहित्य संस्थान’, उ0प्र0, लखनऊ को दिनांक 30 नवम्‍बर, 2018 तक प्राप्त हो जानी चाहिए।
2. प्रविष्टियाँ उत्तर प्रदेश राज्य के वही कर्मी (प्रदेश के राज्यकर्मियों में प्रदेश  कैडर के अखिल भारतीय सेवाओं के अधिकारी भी आयेंगे) भेज सकते हैं जो नियमित सेवा में हों या जिनकी सेवा कम से कम तीन वर्ष की हो गयी हो। इस सेवा में संविदा, दैनिक भोगी एवं कार्य प्रभारी अधिकारी/कर्मचारी के रूप में की गयी सेवा सम्मिलित नहीं होगी। कर्मचारी की मौलिक नियुक्ति, स्थायीकरण, नियमितीकरण या तीन वर्ष या अधिक अवधि की लगातार सेवा के सम्बन्ध में सेवायोजक के हस्ताक्षर से जारी प्रमाण-पत्र या कोई अन्य सत्यापित आदेश संलग्न किया जाना चाहिए। हिन्दीतर भाषा/ भाषी प्रदेश के राज्यकर्मियों के लिए भी यही शर्तें लागू होंगी। उ0प्र0 सरकार के पेंशनर उनके लिए निर्धारित फार्म में प्रविष्टि भेजें उसके साथ कोषागार से प्राप्त परिचय-पत्र, पेंशन-प्रपत्र एवं वोटर आई0डी0 कार्ड की राजपत्रित अधिकारी द्वारा सत्यापित फोटो प्रति संलग्न करें एवं हिन्दीतर भाषा-भाषी राज्यकर्मी तथा उत्तर प्रदेश के सेवानिवृत्त राज्यकर्मी वोटर आई0डी0 की राजपत्रित अधिकारी द्वारा सत्यापित फोटो प्रति, राज्यकर्मी होने का सेवायोजक द्वारा प्रदत्त प्रमाण-पत्र (हिन्दी या अंग्रेजी में) भी संलग्न करें।
3. पुस्तक में प्रकाशन वर्ष लिखा होना चाहिए एवं उक्त मौलिक/प्रकाशित पुस्तकाकार कृति का पिछले छः वर्ष के अन्दर प्रथम संस्करण प्रकाशित होना चाहिए। यदि किसी पुस्तक का द्वितीय संस्करण निकाला गया है तो यह प्रमाणित किया जाना चाहिए कि इस संस्करण में कम से कम 60 प्रतिशत नयी सामग्री मौलिक है।
4. प्रविष्टि का प्रारूप 6 प्रतियों में प्रेषित किया जाय, तद्नुसार पुस्तक की 6 प्रतियाँ भेजी जानी चाहिए। यदि पुस्तक की प्रतियाँ कम हों तो कम से कम दो प्रतियाँ अवश्य प्रेषित की जायँ।
5. प्रारूप के सभी स्तम्भ पूरे भरे होने चाहिए। साहित्यकार द्वारा देवनागरी लिपि में लिखी जाने वाली उत्तर प्रदेश की भाषाओं/बोलियों या उर्दू भाषा (फारसी लिपि में) में दीर्घकालीन साहित्यिक सेवा होनी चाहिए या इन्हीं भाषाओं/बोलियों में कृति प्रकाशित होनी चाहिए।
उत्तर प्रदेश के राज्य कर्मियों को देवनागरी लिपि में लिखी जाने वाली हिन्दी भाषा/बोलियों में दीर्घकालीन साहित्यिक सेवा के लिए चार पुरस्कार (दो गद्य एवं दो पद्य हेतु), देवनागरी लिपि में लिखी जाने वाली उत्तर प्रदेश की भाषाओं/बोलियों में गद्य की तीन एवं पद्य की पाँच कृतियों हेतु आठ पुरस्कार दिये जाने हैं। इसके अतिरिक्त हिन्दी भाषा/प्रदेश की बोलियों में दीर्घकालीन सेवा हेतु सेवानिवृत्त राज्यकर्मियों को गद्य/पद्य में एक-एक पुरस्कार एवं गद्य/पद्य की पुस्तकों पर एक-एक पुरस्कार दिया जाना है। इसके साथ ही हिन्दीतर भाषा-भाषी प्रदेशों के राज्यकर्मियों को गद्य या पद्य में दीर्घकालीन सेवा हेतु एक पुरस्कार एवं पद्य की मौलिक कृति पर एक पुरस्कार प्रदान किया जाना है। उत्तर प्रदेश के राज्यकर्मियों हेतु उर्दू भाषा (फारसी लिपि में) दीर्घकालीन साहित्यिक सेवा हेतु दो पुरस्कार (गद्य या पद्य), उर्दू भाषा (फारसी लिपि) में रचित या अन्य भाषा में लिखित मौलिक पुस्तक की फारसी लिपि में अनुवादित/लिप्यंतरित गद्य या पद्य की कृति के लिए एक पुरस्कार एवं पद्य में लिखी गई पुस्तक के लिए एक पुरस्कार तथा उत्तर प्रदेश सरकार के सेवानिवृत्त कर्मियों को फारसी लिपि में लिखित उर्दू भाषा में एक पुरस्कार दीर्घकालीन सेवा में गद्य या पद्य हेतु तथा पद्य की श्रेष्ठ पुस्तक हेतु एक पुरस्कार प्रदान किया जाना हैं। इन सभी पुरस्कारों की धनराशि रु0 1,00,000/- होगी। इस सम्बन्ध में यदि कोई जानकारी प्राप्त करनी हो तो ‘सचिव पुरस्कार समिति’, राज्य कर्मचारी साहित्य संस्थान, उ0प्र0, लखनऊ से चलायमान सं0-09919281002, पर प्राप्त की जा सकती है।
6. राज्य कर्मियों से प्रविष्टियाँ प्राप्त करने के लिए इस सूचना का प्रकाशन दैनिक ‘राष्ट्रीय सहारा’ के दिनांक 20 जुलाई, 2018 के सभी संस्करणों में किया गया है। उक्त प्रारूप एवं शर्तें प्रदेश के समस्त जिलाधिकारियों एवं जिला सूचना अधिकारियों को साधारण डाक से भेजी गयी हैं। इसके अतिरिक्त हिन्दीतर भाषा-भाषी प्रदेशों/केन्द्र शासित प्रदेशों के राज्य कर्मियों में प्रचार हेतु उक्त प्रदेशों के मुख्य सचिवों, केन्द्रीय हिन्दी निदेशालय, केन्द्रीय हिन्दी संस्थान, वैज्ञानिक एवं तकनीकी शब्दावली आयोग, भारत सरकार एवं सचिव राजभाषा, भारत सरकार को अंग्रेजी में अनुवाद सहित पत्र भेजे गये हैं।
7. पत्र के साथ जो प्रारूप भेजा जा रहा है उसकी प्रतिलिपि कर के प्रविष्टियाँ प्रेषित की जा सकती हैं या सचिव, पुरस्कार समिति, को पत्र के साथ डाक टिकट लगा लिफाफा भेजकर प्रविष्टि का प्रारूप दिनांक 31 अक्‍टूबर, 2018 तक माँगा जा सकता है परन्तु प्रत्येक दशा में प्रविष्टि दिनांक 30 नवम्‍बर, 2018 तक प्राप्त हो जानी चाहिए। प्रारूप एवं शर्तें संस्थान की वेबसाइट http://sansthan.blogspot.in/ से भी प्राप्त की जा सकती हैं।
8. प्रविष्टि स्वीकार या अस्वीकार किये जाने तथा पुरस्कार दिये जाने के सम्बन्ध में अन्तिम निर्णय पुरस्कार हेतु गठित समिति द्वारा लिया जायेगा। जिन साहित्यकारों को पुरस्कार हेतु चयनित किया जायेगा उसकी सूचना, पत्र द्वारा दी जायेगी।
9. संस्थान द्वारा निर्धारित शर्तें यदि प्रविष्टिकर्ता द्वारा पूरी नहीं की जाती हैं तो प्रविष्टि भेजने वाले व्यक्ति की जिम्मेदारी होगी।
10. कार्यालय के पते पर जो पत्र भेजे जायें वे भारत सरकार के पोस्ट एवं टेलीग्राफ विभाग के माध्यम से भेजे जायें, कूरियर से न भेजे जायँ।

नोट— उर्दू भाषा में दिये जाने वाले पुरस्कारों हेतु अंतिम तिथि बढ़ाकर 31 दिसम्बर, 2018 कर दी गयी है।
पुरस्कारों का विवरण
राज्यकर्मियों हेतु पुरस्कार देवनागरी लिपि में लिखित हिन्दी भाषा/बोलियों हेतु

1. पं0 महावीर प्रसाद द्विवेदी पुरस्कार (गद्य हेतु)- रु0 1,00,000/-
    (दीर्घकालीन साहित्यिक सेवा हेतु)
2. भगवती चरण वर्मा पुरस्कार- रु0
1,00,000/-
    (दीर्घकालीन गद्य हेतु)   
3. सुमित्रानन्दन पंत पुरस्कार (पद्य हेतु)- रु0
1,00,000/-
    (दीर्घकालीन साहित्यिक सेवा हेतु)   
4. भारतेन्दु हरिश्चन्द्र पुरस्कार (पद्य हेतु)- रु0
1,00,000/-
(दीर्घकालीन साहित्यिक सेवा हेतु)
 
    साहित्यिक राज्यकर्मियों हेतु पुरस्कार
    देवनागरी लिपि में लिखित प्रदेश की भाषाओं/बोलियों हेतु
5. अमृतलाल नागर पुरस्कार- रु0 1,00,000/-
    (गद्य की मौलिक कृति पर)
6. डॉ0 विद्यानिवास मिश्र पुरस्कार- रु0
1,00,000/-
    (गद्य की मौलिक कृति पर)
7. श्याम सुन्दर दास पुरस्कार- रु0
1,00,000/-
    (गद्य की मौलिक कृति पर)
8. जयशंकर प्रसाद पुरस्कार- रु0
1,00,000/-
    (पद्य की मौलिक कृति पर)
9. डॉ0 शिवमंगल सिंह ‘सुमन’ पुरस्कार- रु0
1,00,000/-
    (पद्य की मौलिक कृति पर)
10. गया प्रसाद शुक्ल ‘सनेही’ पुरस्कार-  रु0
1,00,000/-
    (पद्य की पुस्तक हेतु)
11. डॉ0 हरिवंश राय बच्चन पुरस्कार- रु0
1,00,000/-
    (पद्य की पुस्तक हेतु)
12. रामधारी सिंह ‘दिनकर’ पुरस्कार- रु0
1,00,000/-
    (पद्य की पुस्तक हेतु)
 
(राज्यकर्मियों हेतु पुरस्कार फारसी लिपि में लिखित उर्दू भाषा हेतु एक गद्य एवं एक पद्य के लिए- (यदि नीचे उल्लिखित प्रथम पुरस्कार गद्य का हो तो दूसरा पद्य का, यदि प्रथम पुरस्कार पद्य का हो तो दूसरा गद्य का होगा।)
 
13. मिर्जा असद उल्ला खाँ गालिब पुरस्कार- रु0 1,00,000/-    
    (दीर्घकालीन साहित्यिक सेवा पर-गद्य या पद्य किसी एक पर)          
14. फिराक़ गोरखपुरी पुरस्कार (पद्य या गद्य की मौलिक पुस्तक पर)- रु0
1,00,000/-
    (उक्त मौलिक पुस्तक स्वयं की अन्य भाषा में लिखी पुस्तक का अनुवाद/लिप्यंतरण भी स्वीकार की जायेगी)
15. अमीर खुसरो पुरस्कार गद्य या पद्य पर- रु0
1,00,000/-
    (दीर्घकालीन साहित्यिक सेवा हेतु)
16. अकबर इलाहाबादी पुरस्कार- रु0
1,00,000/-
    (पद्य की मौलिक कृति पर)
 
    सेवानिवृत्त साहित्यिक राज्यकर्मियों हेतु पुरस्कार देवनागरी लिपि में लिखित प्रदेश की भाषाओं/बोलियों हेतु
 
17. प्रताप नारायण मिश्र पुरस्कार (गद्य हेतु)- रु0 1,00,000/-
    (दीर्घकालीन साहित्यिक सेवा हेतु)
18. शिव सिंह ‘सरोज’ पुरस्कार (पद्य हेतु)- रु0
1,00,000/-
    (दीर्घकालीन साहित्यिक सेवा हेतु)
19. बालकृष्ण भट्ट पुरस्कार- रु0
1,00,000/-
    (गद्य की मौलिक कृति पर)
20. कवयित्री महादेवी वर्मा पुरस्कार- रु0
1,00,000/-
    (पद्य की मौलिक कृति पर)
 
    सेवानिवृत्त साहित्यिक राज्यकर्मियों हेतु उर्दू भाषा (फारसी लिपि) में लिखी गयी पुस्तकों हेतु
 
21. मीर तकी मीर पुरस्कार (पद्य या गद्य हेतु)- रु0 1,00,000/-
    (दीर्घकालीन साहित्यिक सेवा हेतु)
22. जोश मलिहाबादी पुरस्कार- रु0
1,00,000/-
    (पद्य की श्रेष्ठ पुस्तक हेतु)        

    भारत का संविधान की आठवीं अनुसूची में उल्लिखित हिन्दीतर भाषा-भाषी अन्य प्रान्त के राज्य कर्मियों द्वारा हिन्दी भाषा में लिखित गद्य एवं पद्य की पुस्तक हेतु
 
23. शरतचन्द्र चट्टोपाध्याय पुरस्कार (पद्य या गद्य के क्षेत्र में)- रु0 1,00,000/-
    (दीर्घकालीन साहित्य सेवा हेतु)               
24. सुब्रह्मण्यम् भारती पुरस्कार- रु0
1,00,000/-
    (पद्य की श्रेष्ठ पुस्तक हेतु) 
डॉ0 दिनेश चन्द्र अवस्थी
सचिव, पुरस्कार समिति
चलायमान सं0- 09919281002